DBRAU में काम कर चुकी दो एजेंसियों की मुश्किलें बढ़ेगी, पांच लाख से अधिक छात्रों का भविष्य खराब हुआ: पूर्व रजिस्ट्रार ने मना किया, पूर्व कुलपति ने भुगतान किया

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की जिस दो एजेंसियों के खिलाफ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एफआर को निरस्त कर दिया है। उन एजेसियों का भुगतान पूर्व कुलपति ने तत्कालीन कुलसचिव के मना करने के बाद भी कर दिया था। दोनों एजेंसियों पर पांच लाख से ज्यादा छात्रों के भविष्य को खराब करने का आरोप था। चार्टों में हेरफेर, रिजल्ट घोषित न करने, काम बीच में छोड़कर जाने, रिजल्ट सही न करने और डाटा न देने के कारण दोनों एजेंसियों के खिलाफ थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज कराया गया था। विश्वविद्यालय में वर्ष 2013 में परीक्षा संबंधी कार्य करने वाली एजेंसी माइंडलोजिक्स इंफ्राटेक और वर्ष 2014 में काम करने वाली एजेंसी शुभ्रा टेक्नीकल सर्विसेज के खिलाफ तत्कालीन कुलसचिव केएन सिंह ने 2016 में थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में विवेचक ने बिना साक्ष्य के ही एफआर लगा दी। केएन सिंह ने एफआर निरस्त करने की मांग की थी। सात साल बाद विश्वविद्यालय अधिवक्ता की दलीलों को सुनने के बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने एफआर को निरस्त कर दिया है। पुनः विवेचना करने के निर्देश दिए हैं। अब नए सिरे से यह विवेचना फिर से होगी।

 

31 हजार छात्रों का रिजल्ट अधूरा माइंडलोजिक्स एजेंसी को

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