मौलाना मसूद मदनी को हनीट्रैप में फंसाने वाला गिरफ्तार: आरोपी पर 15 हजार रुपये का इनाम था, पीड़ित जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के भाई हैं।

सहारनपुर में 2017 में उत्तराखंड के पूर्व राज्यमंत्री मौलाना मसूद मदनी को हनीट्रेप में फंसाकर जेल भेजने वाला मुख्य आरोपी अरेस्ट हो गया है। पुलिस ने उस पर 15 हजार रुपए का इनाम रखा हुआ था। जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के भतीजे
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पुलिस के अनुसार, पूर्व राज्यमंत्री मौलाना मसूद मदनी को हनीट्रैप में फंसाने वाला आरोपी शमशेर सिंह को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। आरोपी 15 हजार रुपए का इनामी था। आरोपी हरियाणा के अनूपगढ़ जींद का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपी को सहारनपुर-मुजफ्फरनगर नेशनल हाइवे-59 से अरेस्ट किया है। आरोपी 7 साल से फरार था। हनीट्रैप कराने का मास्टरमाइंड था।
पुलिस के अनुसार, 2017 में उत्तराखंड के तत्कालीन राज्यमंत्री मौलाना मसूद मदनी के खिलाफ देवबंद कोतवाली में रेप का मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने पूरे प्रकरण की जांच की। जिसमें हनीट्रैप निकला। खुलासा हुआ तो मसूद मदनी को फंसाने वाली महिला एक गैंग की सदस्य निकली। ये गैंग हाई प्रोफाइल लोगों को हनीट्रैप के जाल में फंसाता था और पैसा ऐंठता था। पुलिस ने उस वक्त 5 लोगों को अरेस्ट किया था। गैंग का सदस्य शमशेर फरार चल रहा था।
ये था मामला मौलाना मसूद मदनी पर एक महिला से झाड़-फूंक के बहाने रेप करने का आरोप लगाया था। उन्हें हनी ट्रैप में झूठा फंसाया गया है। राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि, मोनिका ने फर्जी नाम से पैसे ऐंठने के लिए जाल बिछाया था। पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को फंसाने में भी इसी गैंग का हाथ था। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने भी हनी ट्रैप में फंसा पैसे ऐठने वाले एक गिरोह का खुलासा किया था। यही गिरोह लोगों को फंसा कर रुपए ऐंठता है।
विवेचना अधिकारी ने एफआईआर में कहा था कि मोनिका अपने पति के साथ मदनी के पास मजार पर गई थी। उसने कहा कि, उसे औलाद नहीं है। जिस पर मदनी ने झाड़-फूंक की और रात में रेप किया और कहा कि, उसे औलाद हो जाएगी। विवेचना के दौरान खुलासा हुआ कि, मोनिका असली नाम नहीं है। जिसे वह पति बता रही थी, वह उसका पति नहीं है। जिसको उसने अपना पिता बताया वह असली पिता नहीं है।
पता चला कि गैंग लीडर शमशेर है, जो जाल बिछाता है और लोगों को फंसाकर रुपए ऐंठता है। मदनी की तरफ से कहा गया था कि उन्हें फंसाया गया है। मदनी की ओर से दी गई सफाई और विवेचना अधिकारी के बयान के आधार पर कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिए थे। मौलाना मसूद मदनी जमीयत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के भाई हैं।