लखनऊ एयरपोर्ट के निकट बने घरों को गिरा दिया जाएगा: फ्लाइट के लिए बने खतरा, देखकर लोगों ने कहा कि वे मर जाएंगे लेकिन घर नहीं छोड़ेंगे।

लखनऊ में चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के पास बने मकान ढहाए जाएंगे। एयरपोर्ट की बाउंड्री से लगे कई ऐसे मकान हैं, जो मानक से ज्यादा ऊंचे बने हैं। यह फ्लाइट के लिए किसी खतरे से कम नहीं है। इसको लेकर LDA ने करीब 50 मकानों को चिन्हित भी किया ह

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पिछले दिनों अपर सचिव, सीनियर इंजीनियर और स्थानीय जेई ने इन इलाकों का दौरा भी किया। इसकी हकीकत जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम एयरपोर्ट से सटे इलाके में पहुंची। यहां देखा कि वास्तव में कई निर्माण ऐसे हैं, जो मानक के हिसाब से सही नहीं हैं।

हालांकि, यह निर्माण प्रॉपर्टी डीलर और LDA की मिलीभगत का नतीजा है। यहां राधेश्याम ओझा नाम के प्रॉपर्टी डीलर ने 50 लोगों को जमीन बेची है। इसमें लोगों का 40 से 70 लाख रुपए तक खर्च हो चुका है। स्थिति यह है कि एयरपोर्ट के ठीक पीछे बिजनौर इलाके में कई मकान पूरी तरह से तैयार कर दिए गए है। वहां 6 परिवार रहने भी लगा है।

एयरपोर्ट के ठीक पीछे बिजनौर इलाके में रो-हाउस बनाए गए हैं। यहां कई परिवार रहने लगा हैं।

किसान से सीधे कराई रजिस्ट्री
बिल्डर ने लोगों को झांसे में रखते हुए जमीन की रजिस्ट्री किसान से कराई। बिल्डर ने खुद को ठेकेदार की तरह पेश किया, जबकि रजिस्ट्री का पैसा खुद लिया। बीते गुरुवार को स्थानीय लोगों ने नाराज होकर बिल्डर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। यहां तक की उनकी गाड़ियों को घेर लिया था। गाड़ी छोड़कर बिल्डर भाग निकला।

नाराज लोगों ने बिल्डर को घेर लिया तो गाड़ी छोड़कर वह भाग निकला।

कार्रवाई के डर से कैमरे पर बोलने से बचते लोग
दैनिक भास्कर की टीम पहुंची तो यहां 20 से ज्यादा लोग मिले। सभी आपस में बात कर रहे थे। हालांकि कैमरे पर बोलने से बचते नजर आए। कहा कि कुछ बोलेंगे तो उनको नुकसान हो सकता है। LDA के लोग पहले ही नोटिस चस्पा कर गए हैं। ऐसे में अगर उनके खिलाफ सामने आकर बोलेंगे तो वह टारगेट कर कार्रवाई कर सकते हैं।

गलत थे तो लोन क्यों मिला
LDA​​​​​​​ अधिकारियों का कहना है कि यहां बने 50 मकान सीधे तौर पर गिराए जाएंगे, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां आए दिन LDA​​​​​​​ वाले आते हैं, तो कहते है कि 10 मिनट में घर खाली कर दो। सभी लोगों ने लोन ले लिया है। सबकी EMI जा रही है।

लोगों ने कहा- अगर हम गलत होते और यहां अवैध निर्माण था तो LIC और ICICI बैंक से हमको लोन नहीं मिलना चाहिए था। महिलाओं का कहना था कि हम मर जाएंगे लेकिन घर नहीं छोड़ेंगे। कुछ महिलाओं का कहना था कि इस पूरे मामले में वह सीएम योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाएंगी। इसके लिए अगर गोरखपुर जाना पड़े तो वहां भी जाएंगी।

LDA ने घरों के बाहर मकान गिराने का नोटिस भी चस्पा किया है।

10,000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में अवैध कॉलोनी
LDA​​​​​​​ प्रवर्तन जोन-2 के जोनल अधिकारी देवांश त्रिवेदी का कहना है कि राधेश्याम ओझा के साथ कुथ अन्य लोग मिलकर बिजनौर में लगभग 10,000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में अवैध कॉलोनी बसा रहे थे। LDA कोर्ट के आदेश पर सीलिंग की कार्रवाई की गई। अवर अभियंता विपिन बिहारी राय और एसके सिंह मौके पर पहुंचकर बिना नक्शा पास कराए बनाए गए भवनों को सील कर दिया था।

500 से ज्यादा मकान जद में आ सकते है
दैनिक भास्कर की टीम मौके पर पहुंची तो पाया कि ठीक तरीक से सर्वे नहीं किया गया। अगर सही मानक के हिसाब से जांच की जाए तो करीब 500 से ज्यादा मकान मानकों के खिलाफ हैं। पूरे इलाके में भवनों का निर्माण बिना ले-आउट पास कराए हुआ है।

LDA वीसी प्रथमेश कुमार ने इसकी जांच के लिए कमेटी बनाई है। हालांकि कमेटी की रिपोर्ट में महज एक ही सोसाइटी आई है। फ्लाइट्स के टेक-ऑफ, लैंडिंग मैनुअल के हिसाब से भी यह बिल्डिंग्स मानकों को पूरा नहीं करती।

लखनऊ एयरपोर्ट के पास बने मकान।

29 जुलाई को एयरपोर्ट प्रशासन ने लिखा था पत्र
एयरपोर्ट के चीफ ऑपरेटिंग अफसर अभिषेक प्रकाश ने 29 जुलाई को LDA वीसी को जांच के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। टीम ने एयरपोर्ट के आसपास निर्माण हुए भवनों का सर्वे किया था।

टीम में अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा, जोनल अधिकारी देवांश त्रिवेदी, अधिशासी अभियंता संजीव गुप्ता शामिल थे। सर्वे रिपोर्ट में रेड जोन एरिए में अवैध इमारतों को चिह्नित कर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद LDA वीसी उन मकानों को तोड़ने का काम करेगा।

लखनऊ में चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट के पास हुए निर्माण।

20 किलोमीटर तक नहीं हो सकता निर्माण
चीफ ऑपरेटिंग अफसर ने पत्र में लिखा है कि एरोड्रम के रेफरेंस प्वाइंट से 20 किमी दायरे में ऐसे निर्माण नहीं हो सकते हैं। ऐसा होने पर लोकल प्लानिंग अथॉरिटीज को स्ट्रक्चर पर कार्रवाई का अधिकार है। ऊंची इमारत के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी से भी परमिशन ली जाती है। मगर बिना एयरपोर्ट की परमिशन बड़े पैमाने पर बाउंड्री से सटाकर इमारतें बनाई जा रही है।

औरंगाबाद जागीर की तरफ काफी तेजी से निर्माण हो रहे हैं। कई नई इमारतें बन रही हैं। वह एयरपोर्ट के रेड जोन में हैं। यह एयरपोर्ट, एयरक्राफ्ट ऑपरेशन में खतरा बन सकती हैं। इससे एयरक्राफ्ट और यात्रियों को भारी नुकसान हो सकता है।

महिलाओं ने कहा- मर जाएंगे लेकिन मकान नहीं छोड़ेंगे।

चार साल पहले 12 मकान गिराने का हुआ था आदेश
चार साल पहले यहां मानक के विपरीत बनी 12 अवैध इमारतों को कमिश्नर ने गिराने का आदेश दिया था। हालांकि इनके ध्वस्तीकरण के लिए LDA​​​​​​​ ने कई बार तिथि निर्धारित की, लेकिन अभी तक इन इमारतों को तोड़ा नहीं जा सका।

अब इन्हें भी तोड़ा जा सकता है। इस बारे में LDA​​​​​​​ अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। दरअसल, LDA​​​​​​​ की मिलीभगत से पूरे इलाके में अवैध निर्माण का धंधा काफी तेजी से फल- फूल रहा है।

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