यूपी नगर निकाय चुनाव: त्रिकोणीय इलाके बनारस में राजनीतिक दलों ने बना लिया है चक्रव्यूह, जहां बागी बिगाड़ेंगे खेल
वाराणसी में मेयर प्रत्याशी सुभाष चंद्र मांझी, डॉ. ओपी सिंह, अशोक तिवारी व अनिल श्रीवास्तव (बीए
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देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी यूपी निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक चक्रव्यूह में फंसी हुई है. मतदाताओं की खामोशी ने प्रत्याशियों की धड़कन बढ़ा दी है। निकाय चुनाव के इस लिटमस टेस्ट से राजनीतिक दल आगामी लोकसभा चुनाव का तापमान मापना चाहते हैं। नगरीय निकाय चुनाव में मतदान से एक दिन पहले प्रत्याशियों और पार्टियों ने अपनी ताकत दिखाई है। कहीं वार्डों में त्रिकोणीय मुकाबला है तो कहीं बागी खेल बिगाड़ सकते हैं।
इसे देखते हुए भाजपा, सपा, कांग्रेस और बसपा के बड़े नेताओं को नियुक्त किया गया है। जिन वार्डों में बागियों को टिकट नहीं मिला है, वहां वे निर्दलीय चुनाव लड़कर समीकरण बिगाड़ रहे हैं. जिसे संभालने के लिए पार्टी के बड़े नेताओं की मदद ली जा रही है. दरअसल कयास लगाए जा रहे थे कि जिस दिन पर्चा वापस लिया जाएगा उसी दिन पर्चा वापस ले लिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
दलों के भीतर कलह
चूंकि पहली बार 100 वार्डों पर चुनाव हो रहा है। पिछली बार 90 वार्डों पर चुनाव हुआ था। नए परिसीमन से कई पार्षदों के समीकरण बदल गए। जिससे टिकट भी समीकरण को ध्यान में रखकर दिया गया। इससे पार्टियों में अंतर्कलह है। अन्य लोग इस कलह का लाभ उठा सकते हैं। यही वजह है कि नेता मनाने में लगे हुए हैं। नेताओं को वार्डों को ध्यान में रखकर नियुक्त किया गया है ताकि पार्टी सदन में बहुमत में रहे।