पुनर्विकसित त्रिपुरेश्वरी मंदिर का उद्घाटन करेंगे PM मोदी, जानें इस शक्तिपीठ का धार्मिक महत्व


PM मोदी 7 अप्रैल को कर सकते हैं पुनर्विकसित त्रिपुरेश्वरी मंदिर का उद्घाटन, जानें इस शक्तिपीठ का महत्व
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी 7 अप्रैल को त्रिपुरा के गोमती जिले में स्थित पुनर्विकसित त्रिपुरेश्वरी मंदिर का उद्घाटन कर सकते हैं। त्रिपुरा सरकार के एक मंत्री ने इस बारे में जानकारी दी है। त्रिपुरेश्वरी मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है और इसे केंद्र सरकार की ‘प्रसाद’ (PRASAD) योजना के तहत 54 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्विकसित किया गया है। आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी खास बातें।
क्या है प्रसाद योजना?
त्रिपुरा के वित्त मंत्री प्राणजीत सिंह रॉय ने बताया कि पीएम मोदी ने त्रिपुरेश्वरी मंदिर के पुनर्विकास के लिए प्रसाद योजना के तहत धनराशि मंजूर की थी। राज्य के लोग चाहते हैं कि वे मंदिर का उद्घाटन करें। बता दें कि प्रसाद योजना, केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय की एक पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों का विकास करना है।
PM मोदी को किया गया उद्घाटन का निमंत्रण
वित्त मंत्री प्राणजीत सिंह रॉय ने बताया कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात कर उन्हें मंदिर के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया था। पीएम मोदी ने उद्घाटन के लिए संभावित तिथि तय करने को कहा था, जिसे बाद में 7 अप्रैल निर्धारित किया गया। निर्माण एजेंसी 20 मार्च तक पुनर्विकसित मंदिर को सौंप देगी।
त्रिपुरेश्वरी मंदिर की खासियत
त्रिपुरा सरकार के अनुसार, इस ऐतिहासिक मंदिर की स्थापना महाराजा धन्य माणिक्य ने वर्ष 1501 में की थी। वह बांग्लादेश के चटगांव से लाल-काले कस्ती पत्थर से बनी माता त्रिपुर सुंदरी की मूर्ति लेकर आए थे और इसे इस मंदिर में स्थापित किया। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, जिन स्थानों को देवी सती के अंग गिरने के कारण पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव के तांडव के दौरान देवी सती का दाहिना पैर यहां गिरा था।