NGT की मांग पर “नोएडा प्राधिकरण” ने उत्तर दिया: दोनों सीईओ आज ट्रिब्यूनल में उपस्थित होंगे;सड़क किनारे इंटरलॉकिंग टाइल्स का मामला— Gautambudh Nagar, Noida से समाचार

सड़क किनारे बिना वजह इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने पर सख्त एक्शन होगा। इसके एक मामले में NGT ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा CEO को कारण बताओ नोटिस जारी कर शुक्रवार को तलब किया है। NGT ने कहा कि हमारे 25 अप्रैल 2024 आदेश के तहत आपको एक महीने में जवाब दाखिल करना थ

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इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के CEO लोकेश एम ने बताया कि NGT के आदेश के तहत प्राधिकरण की ओर से 8 अगस्त को जवाब दाखिल कर दिया गया है। अब नोएडा में पौधों के लिए डेढ़ मीटर का गैप छोड़ा जाएगा। इसके बाद भी आदेश का पालन करते हुए आज प्राधिकरण NGT में फिजिकल उपस्थित होगा।

सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय

ग्रीन बेल्ट और सड़क किनारे लगी थी इंटरलॉकिंग टाइल्स

दरअसल नोएडा-ग्रेनो में ग्रीन बेल्ट व सड़कों के किनारे पूरी तरह कॉन्क्रीट से पटे होने के खिलाफ एक याचिका NGT में दाखिल की गई थी। इसी मामले में NGT ने 25 अप्रैल 2024 को नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एक महीने में अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था।

लेकिन, दोनों ही प्राधिकरण की ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया। इसी मामले में 7 अगस्त को सुनवाई की गई। जवाब नहीं मिलने की दशा में NGT ने दोनों ही अधिकारी को नोटिस जारी किया।

याचिका कर्ता ने कहा-नहीं हुआ आदेश का पालन

पर्यावरण विद् विक्रांत तोंगड व डॉ. सुप्रिया सरदाना ने बताया कि नोएडा-ग्रेनो में एनजीटी के आदेशों व सरकार के दिशा निर्देशों के विपरीत जाकर लगातार कच्चे क्षेत्र ग्रीन बेल्ट, सड़क के किनारे, पेड़ों के आसपास और सेक्टरों में घरों के सामने कच्चे स्थान को टाइल्स लगाकर या सीमेंटेड कॉन्क्रीट बिछाकर पक्का किया जा रहा है। इस संबंध में एनजीटी में डाली गई याचिका पर उनके अधिवक्ता आकाश वशिष्ठ ने मजबूती से पक्ष रखा।

नोएडा प्रवेश द्वार।

उन्होंने कहा कि “पेड़ों के आसपास भी कच्चे स्थानों को कॉन्क्रीट से पक्का कर दिया जाता है। कॉन्क्रीट से बारिश का पानी जमीन में नहीं जा रहा है। इससे भूजल स्तर में गिरावट आ रही है। साथ ही, बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या आती है, जबकि पेड़ों के आसपास कम से कम एक मीटर कच्चा स्थान छोड़ना चाहिए।

लेकिन, नोएडा-ग्रेनो में ऐसा नहीं किया जा रहा है। याचिका में जिन प्रभावित इलाकों का विशेष जिक्र किया गया है उनमें नोएडा के सेक्टर-28, 37, 47, 50, 55 और 62 शामिल हैं, जबकि ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ओमेगा-1, पी-3 और अल्फा के नाम लिए गए हैं।

मूल स्थिति में करनी होगी क्षेत्र की बहाली
याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने निर्धारित सीमा से अधिक सड़कों पर कॉन्क्रीट को हटाकर उन क्षेत्रों को मूल स्थिति में बहाल करने के निर्देश दिए थे। साथ ही, कच्चे स्थानों पर झाड़ियां, घास व अन्य वनस्पतीय लगाने को कहा था। जहां पेड़ लगे हैं, उनके चारों ओर कॉन्क्रीट को हटाने की हिदायत भी दी गई है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई स्थानों पर इंटरलॉकिंग टाइल्स हो हटाया गया और पेड़ लगाए गए।

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