चंद्रयान-3 के डेटा से नई जानकारी: चांद पर अनुमान से अधिक बर्फ मिलने के संकेत

चंद्रयान-3 के डेटा से नई जानकारी: चांद पर अनुमान से अधिक बर्फ मिलने के संकेत
चंद्रयान-3 के डेटा से नई जानकारी: चांद पर अनुमान से अधिक बर्फ मिलने के संकेत
चंद्रयान-3 के डेटा से नई जानकारी: चांद पर अनुमान से अधिक बर्फ मिलने के संकेत

चंद्रयान-3 के डेटा से नई जानकारी: चंद्रमा की सतह के नीचे अनुमान से अधिक बर्फ मौजूद

नई दिल्ली: चंद्रयान-3 मिशन से मिले आंकड़ों के विश्लेषण में पता चला है कि चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों में सतह के नीचे पहले की अपेक्षा अधिक बर्फ हो सकती है। अहमदाबाद स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के वैज्ञानिक दुर्गा प्रसाद करणम के अनुसार, सतह के तापमान में होने वाले स्थानीय बदलाव बर्फ के निर्माण को प्रभावित कर सकते हैं। इन बर्फ कणों के अध्ययन से उनके निर्माण और इतिहास से जुड़ी नई जानकारियां सामने आ सकती हैं।

करणम ने बताया कि इस शोध से यह भी समझने में मदद मिलेगी कि समय के साथ बर्फ कैसे जमा हुई और चंद्रमा की सतह तक कैसे पहुंची, जिससे उसकी शुरुआती भूगर्भीय प्रक्रियाओं की जानकारी मिल सकेगी। इस अध्ययन के निष्कर्ष ‘कम्युनिकेशंस अर्थ एंड एनवायरनमेंट’ पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।

चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा प्रक्षेपित चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की थी। इसके बाद 26 अगस्त को लैंडिंग स्थल को ‘शिव शक्ति पॉइंट’ नाम दिया गया।

क्या चंद्रमा पर पानी तरल रूप में मौजूद हो सकता है?

करणम के अनुसार, चंद्रमा की सतह पर अत्यधिक उच्च निर्वात के कारण पानी तरल रूप में नहीं रह सकता, बल्कि सीधे वाष्प में बदल जाएगा। मौजूदा शोध के आधार पर यह माना जाता है कि अतीत में चंद्रमा पर जीवन के अनुकूल परिस्थितियां नहीं रही होंगी।

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