“भारत का सड़क नेटवर्क अमेरिका से नहीं, बल्कि उससे बेहतर होगा,” गडकरी बोले – बस दो साल का इंतजार करें।

"भारत का सड़क नेटवर्क अमेरिका से नहीं, बल्कि उससे बेहतर होगा," गडकरी बोले – बस दो साल का इंतजार करें।
“भारत का सड़क नेटवर्क अमेरिका से नहीं, बल्कि उससे बेहतर होगा,” गडकरी बोले – बस दो साल का इंतजार करें।

भारत का सड़क नेटवर्क अमेरिका से बेहतर होगा – नितिन गडकरी

केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा कि आने वाले दो वर्षों में भारत का सड़क नेटवर्क अमेरिका से भी बेहतर हो जाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि इस क्षेत्र में कोई बड़ी समस्या नहीं है और आगामी बदलाव काफी महत्वपूर्ण होंगे। पहले जहां वे कहते थे कि भारत का हाईवे नेटवर्क अमेरिका के बराबर होगा, अब उनका मानना है कि यह उससे भी आगे निकल जाएगा।

इलेक्ट्रिक वाहनों में अमेरिका को पीछे छोड़ेगा भारत

गडकरी ने कहा कि भारत अगले पांच वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के निर्माण और अपनाने के मामले में अमेरिका से आगे निकल जाएगा। उन्होंने मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि दिल्ली, देहरादून, जयपुर और बेंगलुरु जैसे शहरों के बीच यात्रा का समय काफी कम किया जाएगा।

टेस्ला के भारत में प्रवेश पर गडकरी की राय

जब उनसे टेस्ला के भारत में प्रवेश के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह एक खुला बाजार है, जहां जो भी सक्षम है, वह आकर उत्पादन कर सकता है और प्रतिस्पर्धा कर सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय वाहन निर्माता गुणवत्ता को प्राथमिकता देते हैं और वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि वे अच्छे वाहन बनाएंगे और उचित कीमतों पर उन्हें पेश करेंगे।

लॉजिस्टिक्स लागत में कमी का लक्ष्य

गडकरी ने दोहराया कि वह लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि इस लागत को एकल अंकों तक लाने की योजना है, जिससे भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। फिलहाल, देश की लॉजिस्टिक्स लागत 14-16 प्रतिशत है। उन्होंने यह भी बताया कि उनका लक्ष्य हर दिन 60 किलोमीटर सड़क निर्माण करने का है।

लिथियम-आयन बैटरियों की कीमतों में गिरावट

गडकरी ने कहा कि वाहन स्क्रैपिंग नीति लागू होने से ऑटो कंपोनेंट की कीमतों में 30 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है, जिससे वाहनों की कीमतें घटेंगी और उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। इसके अलावा, सरकार चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए भी कई कदम उठा रही है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ेगी।

उन्होंने बताया कि लिथियम-आयन बैटरियों की कीमतों में भारत में गिरावट आ रही है। अडानी समूह और टाटा जैसी बड़ी कंपनियां अब देश में लिथियम-आयन बैटरियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने जा रही हैं। इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर में मिले लिथियम भंडार, जो वैश्विक लिथियम भंडार का 6 प्रतिशत हैं, से बड़े पैमाने पर बैटरी उत्पादन किया जा सकेगा।

भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग तेजी से बढ़ रहा

गडकरी ने भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की प्रगति की सराहना की और बताया कि यह अब जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उद्योग बन गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों और निवेश में वृद्धि से यह क्षेत्र और अधिक उन्नति करेगा।

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