“IIT-Delhi आत्महत्या मामला: SC ने जताई चिंता, कहा – ‘छात्रों की आत्महत्या किसानों से ज्यादा'”


IIT-Delhi आत्महत्या मामला: सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, FIR दर्ज करने के निर्देश
नई दिल्ली: शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। अदालत ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि IIT-दिल्ली में दो छात्रों की आत्महत्या के मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू की जाए।
जांच के आदेश
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने दिल्ली पुलिस के उपायुक्त को FIR दर्ज करने और एक सहायक पुलिस आयुक्त रैंक के अधिकारी को जांच की जिम्मेदारी देने के निर्देश दिए। अदालत ने कहा कि किसी भी अपराध की जांच पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आती है, इसलिए इस पर और कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि छात्रों की आत्महत्या की दर अब किसानों के आत्महत्या दर से अधिक हो गई है।
संस्थान की जिम्मेदारी
अदालत ने कहा कि शिक्षण संस्थानों की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। अगर परिसर में कोई आत्महत्या की घटना होती है, तो संस्थान को तुरंत FIR दर्ज करानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इसे केवल कानूनी नहीं, बल्कि नैतिक जिम्मेदारी भी बताया।
नेशनल टास्क फोर्स का गठन
छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताओं के समाधान और आत्महत्या रोकथाम के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक राष्ट्रीय कार्यबल (नेशनल टास्क फोर्स) के गठन का निर्देश दिया है। इसका नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एस. रवींद्र भट करेंगे। अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे अपने उच्च शिक्षा विभाग में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नामित करें।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला दो IIT-दिल्ली छात्रों की मौत से जुड़ा है, जिसके अभिभावकों ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जुलाई 2023 में बी.टेक छात्र आयुष आशना अपने हॉस्टल में मृत पाए गए थे, जबकि सितंबर 2023 में बी.टेक छात्र अनिल कुमार (21) की मौत की खबर आई थी। अभिभावकों का दावा था कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि साजिश के तहत हत्या थी और संस्थान में जातिगत भेदभाव का भी आरोप लगाया गया था।