पिछले 10 वर्षों में रेलवे ने कितने लोगों को रोजगार प्रदान किया है, और वर्तमान में कितनी भर्तियां प्रक्रिया में हैं?


रेलवे भर्ती और विकास पर रेल मंत्री का बयान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को राज्यसभा में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि रेलवे में भर्ती को लेकर भ्रामक बयान नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने जानकारी दी कि पिछले 10 वर्षों में रेलवे ने 5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया है। साथ ही, उन्होंने जोर दिया कि रेलवे और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभागों को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए, क्योंकि ये देश की रीढ़ की हड्डी और आवश्यक सेवाएं हैं।
एक लाख भर्तियां प्रक्रिया में
रेल मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान मंत्री ने स्पष्ट किया कि विपक्ष द्वारा लगाए गए भर्ती न किए जाने के आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में रेलवे में भर्ती प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ जारी है और 1 लाख नई भर्तियों की प्रक्रिया चल रही है।
रेलवे में कार्यरत कर्मचारियों की स्थिति
वर्तमान में भारतीय रेलवे में लगभग 12 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से 40% की नियुक्ति पिछले 10 वर्षों में की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे की अधिकांश कार्यशक्ति युवा है, जिससे संचालन क्षमता में सुधार हुआ है।
रेलवे यात्रा और सुविधाएं
रेल मंत्री ने कहा कि सरकार गरीब और श्रमिक वर्ग को सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धनी लोग हवाई यात्रा या निजी वाहनों से सफर कर सकते हैं, लेकिन आम नागरिकों के लिए रेलवे एक महत्वपूर्ण यात्रा साधन बना हुआ है।
गैर-वातानुकूलित डिब्बों की संख्या में वृद्धि
उन्होंने विपक्ष के इस आरोप को खारिज किया कि ट्रेनों में जनरल डिब्बों की संख्या कम की जा रही है। उन्होंने बताया कि सरकार आम जनता की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए गैर-वातानुकूलित डिब्बों की संख्या बढ़ा रही है। फिलहाल, रेलवे में गैर-वातानुकूलित और वातानुकूलित कोचों का अनुपात 70:30 है। इसके अतिरिक्त, 17,000 नए गैर-वातानुकूलित डिब्बे तैयार किए जा रहे हैं।
रेलवे सुरक्षा में सुधार – ‘कवच’ तकनीक
रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ‘कवच’ तकनीक को अपनाया जा रहा है। इस तकनीक को 10,000 इंजनों में लगाया जा रहा है और आने वाले 5-6 वर्षों में इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
परियोजनाओं में राज्य सरकारों से सहयोग की अपील
उन्होंने पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल जैसे राज्यों में लंबित रेलवे परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए संबंधित राज्य सरकारों से सहयोग करने की अपील की, ताकि इन कार्यों को शीघ्र पूरा किया जा सके।