1000 साल बाद सामने आया सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का अवशेष, भक्तों ने किए दर्शन!


बेंगलुरू में ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ का भव्य महाशिवरात्रि समारोह, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के अवशेष हुए सार्वजनिक
महाशिवरात्रि के अवसर पर बेंगलुरू के आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर में भव्य समारोह का आयोजन हुआ, जहां आध्यात्मिक ऊर्जा और उत्साह का नजारा देखने को मिला। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में 180 देशों के साधक एक साथ उपस्थित रहे। समारोह में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल हुए।
श्री श्री रविशंकर ने इस दौरान कहा, “शिव उन सभी का सार हैं जो थे, हैं और होंगे। इस शिवरात्रि पर समर्पण करें और संपूर्ण अस्तित्व के साथ एक होने का अनुभव करें।” उन्होंने शिव के पांच गुणों—सृजन, संरक्षण, रूपांतरण, आशीर्वाद और छिपाव—का महत्व भी समझाया।
1000 साल बाद सार्वजनिक हुए सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के अवशेष
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मूल सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के अवशेषों का अनावरण रहा। माना जाता है कि जब महमूद गजनी ने सोमनाथ मंदिर को नष्ट किया, तो कुछ ब्राह्मण टूटे हुए ज्योतिर्लिंग के टुकड़ों को तमिलनाडु ले गए और छोटे शिवलिंग का रूप दिया। गुप्त रूप से एक हजार वर्षों तक इनकी पूजा की जाती रही।
एक सदी पहले संत प्रणवेंद्र सरस्वती इन अवशेषों को कांची शंकराचार्य स्वामी चंद्रशेखरेन्द्र सरस्वती के पास ले गए, जिन्होंने इन्हें 100 वर्षों तक संरक्षित रखने का निर्देश दिया। समय आने पर, वर्तमान संरक्षक पंडित सीताराम शास्त्री ने कांची शंकराचार्य से मार्गदर्शन मांगा, जिन्होंने इन्हें गुरुदेव श्री श्री रविशंकर को सौंपने का निर्देश दिया।
जनवरी 2025 में इन पवित्र अवशेषों को श्री श्री रविशंकर को सौंपा गया, जिससे यह ऐतिहासिक क्षण पूरे विश्व के लिए सार्वजनिक हो गया। इस आयोजन ने महाशिवरात्रि समारोह को ऐतिहासिक बना दिया।