कर्बला के 72 शहीदों का उठा ताबूत: Varanasi News: सदर इमामबाड़े में जियारत को उमड़े जायरीन, हर आंख से आंसू निकले

इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों की याद में सदर इमामबाड़े में अंजुमन आबिदिया चौहट्टा लाल खां ने 72 ताबूत का जुलूस निकाल। इस जुलूस में ताबूत की जियारत कर हर आंख नम दिखी। एक साथ जब 72 ताबूत इमामबाड़े के मैदान में पहुंचे तो पूरा इमामबाड़ा या हुसैन के नारों से
इस जुलूस में 5 हजार से ज्यादा जायरीनों ने शिरकत की। सभी ने ताबूत की जियारत की और इमाम हुसैन की शहादत को याद किया। यह दस सालों से हर साल किया जाता है।
इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों का उठा ताबूत। उमड़े जायरीन।
मौलाना शब्बीर वारसी ने पढ़ी मजलिस
जुलूस उठने से पहले तिलावते कलाम पाक के बाद मशहूर शायर मायल चंदौलवी और सलीम बलरामपुरी ने अपने कलाम पेश किए। इसके बाद कोलकाता से आए शब्बीर अली वारसी ने मजलिस पढ़ी। इस मजलिस में उन्होंने इमाम हुसैन के 71 साथियों की बहादुरी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन को यजीद हर हाल में कत्ल करना चाहता था। इसके लिए उसने पहला हमला नामाज ए सुबह के वक्त कराया। इस दौरान कई सहाबी शाहिद हुए। उन्होंने अपने जान की कुर्बानी देकर इमाम हुसैन को नमाज पढ़ने का मौक़ा दिया। इमाम हुसैन की शहादत के बयान पर पूरा इमामबाड़ा रोने लगा।
मौलाना शब्बीर अली वारसी ने जुलूस के पहले मजलिस पढ़ी।
अंजुमन जाफरिया ने पढ़ा नौहा, जीशान आजमी ने कराया परिचय
मजलिस के बाद अंजुमन जाफरिया, दोषीपुरा ने नौहा मताम किया। उसके बाद आजमगढ़ से आए जीशान आजमी ने एक-एक करके 72 ताबूत की जियारत करवाई और रात 8 बजे के बाद जुलूस खत्म हुआ। इस दौरान जायरीनों ने ताबूतों की जियारत की।
अंजुमन जाफरिया दोषीपुरा ने की नौहाख्वानी।
10 सालों से उठ रहा है जुलूस
इस संबंध में अंजुमन आबिदिया के संरक्षक शामिल रिजवी ने बताया – जुलूस पिछले दस सालों से इमाम हुसैन की याद में निकला जा रहा है। जुलूस में शहर की सभी अंजुमन शिरकत करती हैं। जुलूस में 72 ताबूत, दुलदुल और अलम मौजूद रहता है।