Aligarh News: महंत कौशलनाथ का कहना है, मंदिरों में गैर-हिंदुओं और असीमित कपड़ों पर प्रतिबंध


गिलहरी मंदिर में लगा यह पोस्टर
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श्री गिलहराज मंदिर के महंत योगी कौशलनाथ ने मंदिर में मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों के प्रवेश पर रोक लगा दी है, साथ ही हिंदू श्रद्धालुओं के लिए अलग ड्रेस कोड जारी किया है. महंत ने बुधवार को इस संबंध में गाइड लाइन जारी की है और इसमें शालीन व शालीन वस्त्र पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं को ही मंदिर में प्रवेश देने की बात कही है. इसके पोस्टर भी चिपकाए गए थे, जिन्हें बाद में हटा दिया गया था। इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिस पर बहस छिड़ गई है।
महंत योगी कौशलनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि मंदिर में सभ्य वस्त्र पहनकर आने वाले हिंदू श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जाएगा. छोटे कपड़े, फटी जींस, हाफ पैंट आदि पहनकर आने वालों को मंदिर में पूजा करने से रोक दिया जाएगा। हालांकि देर शाम इन पोस्टरों को हटाते हुए कहा गया है कि इसके लिए अन्य बड़े पोस्टर, बैनर तैयार कर मंदिर के बाहर लगाए जाएंगे. कुछ लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है तो कुछ ने इसे महंत का निजी फैसला बताया है.
महंत योगी कौशलनाथ ने बताया कि मंदिर समिति द्वारा निर्णय लिया गया है कि मंदिर में आने वाले गैर हिंदुओं को पूजा के लिए प्रवेश नहीं दिया जाएगा. पिछले दिनों कुछ मुसलमानों के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में प्रवेश करने के बाद एसआईटी का गठन किया गया है। चूंकि मुसलमान मंदिर में पूजा के उद्देश्य से नहीं आते हैं और उनका कोई न कोई उद्देश्य रहा होगा। जिसे जांच एजेंसियां ही तय कर पाएंगी। अलीगढ़ में ऐसी कोई घटना न हो, इसलिए मंदिर में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि कुछ श्रद्धालुओं की शिकायत थी कि कुछ श्रद्धालु मंदिर में असीमित कटे-फटे कपड़े, जींस पैंट, हाफ पैंट आदि पहन कर आते हैं.
उन्होंने कहा कि हिंदू श्रद्धालुओं से मंदिर में ड्रेस कोड का पालन करने का अनुरोध किया जाता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह उनका और मंदिर समिति का फैसला था कि मुसलमानों को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया जाए और हिंदुओं के लिए बिना किसी रोक-टोक के कपड़े पहन लिए जाएं. श्री गिलहराज मंदिर के महंत के इस बयान को लेकर शहर भर में चर्चा देखी और सुनी जा रही है. महंत योगी कौशलनाथ का यह बयान सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है. श्री गिलहराज मंदिर के महंत के फैसले का हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक पांडेय ने स्वागत किया है. इससे मंदिर में होने वाली अश्लील हरकतों और चोरी पर अंकुश लग सकता है। डासना में यह नियम लंबे समय से लागू है।