अयोध्या न्यूज़: स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने की नई पहल, अनुपस्थिति पर होगी सख्त निगरानी

परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने और ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से एक नई व्यवस्था लागू की जा रही है। बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, छात्रों की अनुपस्थिति पर अब त्वरित और सुनियोजित कार्रवाई की जाएगी।
तीन दिन गैरहाजिर रहने पर घर जाएगी बुलावा टोली
यदि कोई छात्र बिना पूर्व सूचना के तीन दिन लगातार स्कूल नहीं आता, तो स्कूल की बुलावा टोली उसके घर जाकर अभिभावकों से संपर्क करेगी। टोली बच्चे की अनुपस्थिति के कारणों का पता लगाएगी और उसे स्कूल लौटने के लिए प्रेरित करेगी।
छह दिन की अनुपस्थिति पर प्रधानाध्यापक करेंगे संपर्क
छह दिन या उससे अधिक अनुपस्थित रहने पर प्रधानाध्यापक स्वयं छात्र के घर जाएंगे और परिजनों से संवाद कर समस्या को समझने की कोशिश करेंगे। वह तब तक लगातार संपर्क में रहेंगे जब तक बच्चा दोबारा स्कूल आना शुरू नहीं कर देता।
दस दिन से ज्यादा अनुपस्थिति पर काउंसलिंग होगी
यदि अनुपस्थिति की अवधि दस दिन से पार कर जाती है, तो स्कूल में शिक्षक-अभिभावक बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें माता-पिता को समझाया जाएगा कि शिक्षा उनके बच्चे के भविष्य के लिए कितनी जरूरी है।
21 दिन से ज्यादा गैरहाजिरी पर होगी समीक्षा
नौ माह की अवधि में अगर कोई छात्र 21 दिन से ज्यादा अनुपस्थित रहता है, तो स्कूल प्रशासन कारणों का विश्लेषण कर समाधान के उपाय करेगा। इसके तहत अतिरिक्त कक्षाएं या अन्य शैक्षिक सहायता दी जा सकती है।
30 दिन से ज्यादा अनुपस्थित होने पर विशेष प्रशिक्षण
यदि कोई छात्र 30 दिन से अधिक अनुपस्थित रहता है और नैट (नेशनल अचीवमेंट टेस्ट) में 35 से कम अंक लाता है, तो उसे ड्रॉपआउट की श्रेणी में रखा जाएगा। ऐसे बच्चों को विशेष प्रशिक्षण देकर दोबारा मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय का बयान
अयोध्या के बीएसए संतोष कुमार राय ने बताया कि यह व्यवस्था आगामी सत्र से सभी परिषदीय विद्यालयों में लागू होगी। शासन ने इसके सख्त पालन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बुलावा टोली, प्रधानाध्यापक और अभिभावकों के समन्वय से इस योजना के बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे। यह कदम न सिर्फ उपस्थिति बढ़ाएगा, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार लाएगा।