भूकंप के झटकों से कांपा देश का यह हिस्सा, रिक्टर पैमाने पर दर्ज हुई इतनी तीव्रता

भूकंप के झटकों से कांपा देश का यह हिस्सा, रिक्टर पैमाने पर दर्ज हुई इतनी तीव्रता
भूकंप के झटकों से कांपा देश का यह हिस्सा, रिक्टर पैमाने पर दर्ज हुई इतनी तीव्रता

लेह-लद्दाख में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 3.6

नई दिल्ली: लेह-लद्दाख में भूकंप के हल्के झटके दर्ज किए गए हैं, जिनकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.6 मापी गई है। भूकंप का केंद्र भी लेह-लद्दाख क्षेत्र में ही स्थित था। इससे पहले अफगानिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता 4.2 थी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने इस संबंध में जानकारी दी है।

भूकंप क्यों आते हैं?

भूकंप एक प्राकृतिक घटना है, जो पृथ्वी की आंतरिक संरचना में होने वाले बदलावों और टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों के कारण आती है। भारत में भूकंप का प्रमुख कारण हिमालयी क्षेत्र में प्लेटों का टकराव है। भारतीय और यूरेशियन प्लेटों के बीच होने वाला यह तनाव उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत को संवेदनशील भूकंपीय क्षेत्र बनाता है।

जब टेक्टोनिक प्लेटें हिलती या टकराती हैं, तो उनके बीच तनाव बनता रहता है। अगर यह तनाव धीरे-धीरे ऊर्जा के रूप में निकलता रहे, तो हल्के भूकंप आते हैं। लेकिन जब यह ऊर्जा बहुत अधिक मात्रा में इकट्ठा हो जाती है और अचानक मुक्त होती है, तो तेज़ भूकंप आने की संभावना बढ़ जाती है।

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता और प्रभाव

  • 0 से 1.9 – केवल सीस्मोग्राफ पर रिकॉर्ड होता है।

  • 2 से 2.9 – हल्का कंपन महसूस होता है।

  • 3 से 3.9 – ऐसा लगेगा जैसे कोई भारी वाहन पास से गुजर गया।

  • 4 से 4.9 – घर में रखा सामान गिर सकता है।

  • 5 से 5.9 – भारी फर्नीचर भी हिल सकता है।

  • 6 से 6.9 – इमारतों को नुकसान हो सकता है।

  • 7 से 7.9 – कई इमारतें ढह सकती हैं।

  • 8 से 8.9 – सुनामी जैसी आपदाओं की संभावना।

  • 9 या उससे अधिक – अत्यधिक तबाही, बड़े क्षेत्रों में विनाश।

भूकंप की घटनाओं को लेकर सतर्क रहना जरूरी है, खासकर संवेदनशील क्षेत्रों में जहां इनकी संभावना अधिक रहती है।

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