रेजिडेंट डॉक्टर आज भी BHU अस्पताल में नहीं बैठेंगे: Varanasi News: मरीजों का ग्राफ 3 गुना कम हुआ, विवि ने मामले पर चर्चा के लिए कमेटी बनाई

कोलकाता में महिला रेजिडेंट डाक्टर के साथ रेप व मर्डर के विरोध में पिछले नौ दिनों से चल रही हड़ताल के कारण मरीज बेहाल हो चुके हैं। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल, ट्रामा सेंटर और आयुर्वेद अस्पताल में सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट मरीजों का उपचार न

इमरजेंसी के बाहर दिखे मरीज।

परेशान मरीज….रेजिडेंट डॉक्टरों से नहीं मिल रहे कुलपति

इमरजेंसी के बाहर गेट पर दूर दराज से आने वाले मरीजों को उनके परिजन स्ट्रेचर पर लेकर डाक्टर को दिखाने के लिए खड़े रहे। करीब 2542 बेड वाले अस्पताल के वार्डों में करीब सौ मरीज ही भर्ती हैं। आंदोलित रेजिडेंटों का आरोप है कि विवि प्रशासन द्वारा उनकी मांग अनसुनी की जा रही है। वह कुलपति से मिलने की मांग कर रहे हैं लेकिन वह मिल ही नहीं रहे हैं। जब तक मांगें नहीं मानी जाएगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगा।

ओपीडी वेटिंग एरिया में डाक्टर के आने का इंतजार करते परिजन।

अस्पताल का लिफ्ट अब डिजिटल तरीके से खुलेगा गेट

बीएचयू अस्पताल में डाक्टरों को वार्डों में आवाजाही के लिए लिफ्ट की सुविधा मिली है। रेजिडेंटों का आरोप है कि उनकी लिफ्ट में बाहरी लोग आ जाते हैं, इसके कारण आए दिन दुर्व्यवहार होता है। ऐसे में चिकित्सा विज्ञान संस्थान कोशिश है कि उनकी लिफ्ट में बाहरी लोगों का प्रवेश रोकने के लिए डिजिटल स्कैनर लगाया जाए ताकि डाक्टरों की आरक्षित लिफ्ट में सिर्फ पंजीकृत रेजिडेंटों व डाक्टरों को ही प्रवेश मिले। बीएचयू अस्पताल की सुरक्षा के लिए कुल 210 सुरक्षा कर्मियों के पद स्वीकृत हैं, इसमें 205 सुरक्षा कर्मियों की तैनाती है। अस्पताल की सुरक्षा को 25 प्रतिशत तक बढ़ाने की मंजूरी मिली है।

परिजन मरीज को लेकर इधर-उधर भटकते दिखे।

बिना पास वार्ड में जाने पर लगी रोक

सर सुंदरलाल के वार्ड के बाहर सुरक्षाकर्मियों के साथ-साथ बाउंसर भी लगाए गये हैं। मरीज को देखने के लिए अस्पताल के तरफ से मिले पास को दिखाकर ही परिजन मरीज तक जा पा रहे हैं। इससे वार्ड में मरीज को परेशान हो रही साथ के उनको देखने आने वाले परिजनों को भी घंटों इंतजार या फिर निराश होकर गेट से वापस लौट जाना पड़ रहा हैं।

बुधवार को महज 4570 सैंपल लिया गया।

मामले में वार्ता के लिए कमेटी गठित हुई

आईएमएस निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने रेजीडेंटों से वार्ता के लिए एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी उनसे बात कर उनकी समस्या जानेगी। इसके बाद रिपोर्ट निदेशक को सौपेंगी। रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव होगा। वही रेजिडेंट डॉक्टर्स अब विवि प्रशासन के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने हड़ताल जारी रखा लेकिन कोई मार्च या विरोध नहीं किया।

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