कानपुर दक्षिण में KDA की नई आवासीय योजना: 300 बीघा भूमि पर मिलेंगे प्लॉट, केडीए बोर्ड बैठक में लगेगी अंतिम मुहर

कानपुर दक्षिण में KDA की नई आवासीय योजना: 300 बीघा भूमि पर मिलेंगे प्लॉट, केडीए बोर्ड बैठक में लगेगी अंतिम मुहर

कानपुर दक्षिण में KDA की नई आवासीय योजना: 300 बीघा भूमि पर मिलेंगे प्लॉट, केडीए बोर्ड बैठक में लगेगी अंतिम मुहर

केडीए मुख्यालय में 14 फरवरी को होगी बोर्ड बैठक

कानपुर दक्षिण में KDA की नई आवासीय योजना: 300 बीघा भूमि पर मिलेंगे प्लॉट, केडीए बोर्ड बैठक में लगेगी अंतिम मुहर
कानपुर दक्षिण में KDA की नई आवासीय योजना: 300 बीघा भूमि पर मिलेंगे प्लॉट, केडीए बोर्ड बैठक में लगेगी अंतिम मुहर

शहर में आवासीय संकट को दूर करने के लिए केडीए चकेरी में उचटी आवासीय योजना लॉन्च करने जा रहा है। इस योजना के तहत लगभग 300 बीघा भूमि पर आवासीय भूखंड उपलब्ध कराए जाएंगे। 14 फरवरी को होने वाली केडीए बोर्ड बैठक में इस योजना समेत कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी।

न्यू कानपुर सिटी का लेआउट होगा प्रस्तुत

बैठक के दौरान अधिकारी न्यू कानपुर सिटी का लेआउट भी पेश करेंगे। इस पर मंजूरी मिलने के बाद अगले दो महीनों में परियोजना के कार्य प्रारंभ करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अधिकारियों ने बैठक की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके अलावा, बोर्ड बैठक में बिनगवां योजना को पूरी तरह रद्द करने पर भी सहमति बन सकती है।

40 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई

केडीए मुख्यालय, मोतीझील
केडीए ने 28 साल पहले कल्याणपुर-सिंहपुर और मैनावती मार्ग के आसपास न्यू कानपुर सिटी योजना विकसित करने की योजना बनाई थी, लेकिन बाद में यह ठप पड़ गई। दो साल पहले इस योजना को पुनर्जीवित करने के प्रयास शुरू किए गए।

इस परियोजना का दायरा पहले सात गांवों तक था, जिसे अब सिंहपुर कछार, गंगपुर चकबदा, हिंदूपुर सहित चार गांवों तक सीमित कर दिया गया है। विकास प्राधिकरण ने योजना के लिए काश्तकारों से लगभग 40 हेक्टेयर भूमि खरीदी है।

कुछ काश्तकार नहीं हैं सहमत

केडीए अधिकारियों के अनुसार, कुछ काश्तकार अभी भी अपनी जमीन बेचने के लिए तैयार नहीं हैं। इस समस्या को हल करने के लिए केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल ने शासन के माध्यम से इन काश्तकारों की जमीन अर्जित करने का प्रस्ताव तैयार किया है।

शासन को भेजा गया प्रस्ताव

शासन से सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद, पिछले महीने एडीएम लैंड और जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को यह प्रस्ताव भेजा गया था। हालांकि, प्रस्ताव के पृष्ठों पर संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर न होने के कारण 10 दिन पहले इस पर आपत्ति जताई गई थी। इस कमी को दूर कर प्रस्ताव को दोबारा शासन को भेज दिया गया है।

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